भारत में छह ऋतुएँ होती हैं। यहां हिंदी में ऋतुओं की सूची उनके संबंधित महीनों के साथ दी गई है
वसंत ऋतु (मार्च और अप्रैल)
ग्रीष्म ऋतु (मई और जून)
वर्षा ऋतु (जुलाई और अगस्त)
शरद ऋतु (सितंबर और अक्टूबर)
हेमंत ऋतु (नवंबर और दिसंबर)
शिशिर ऋतु (जनवरी और फरवरी)
ये मौसम पारंपरिक भारतीय कैलेंडर पर आधारित हैं और भारत के विभिन्न हिस्सों में व्यापक रूप से पहचाने और मनाए जाते हैं। प्रत्येक मौसम अपनी अलग मौसम की स्थिति, त्योहार और सांस्कृतिक महत्व लाता है।
वसंत ऋतु
जब प्रकृति की उदय होती है।
बसंत ऋतु में प्राय: कोई रोग नहीं होता। लेकिन कभी-कभी पर्यावरण, जलवायु और वसंत ऋतु के फूलों और पौधों के प्रभाव से भी रोग हो सकते हैं।
एलर्जी: वसंत ऋतु में पौधों के फूलने के साथ ही कई लोगों को एलर्जी की समस्या होती है। पेड़-पौधों के छिड़काव, फूलों के पराग, या पर्यावरण में धूल और धुंध के कारण एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है। यह खांसी, नाक बंदी, आंखों में खुजली, और छींक आदि के रूप में प्रकट हो सकती है।
धूल और प्रदूषण संबंधित रोग: वसंत ऋतु में हवा में धूल और प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है जो सामान्यतः श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, या हड्डी की सूजन (ऑस्टियोमेलिटिस) जैसी बीमारियाँ विकसित हो सकती हैं।